Vedic Astrology Vastu Nav Grah Remedies

Nav Grah Remedies

Nav Grah Remedies

It is believed that Nava Graha is Worshiped to remove all the negative effects of the nine planets to keep bad luck away and for happiness and peace.
you Navagrah at home to improve their personal and professional life of worship (Navagrah Puja can).
Do Nava Graha Puja’s birthday and some of your special work, time. 

Nav Grah Remedies

ज्योतिष शास्त्र मैं अनिष्ट ग्रहों की शांति के लिए अनेक प्रकार के उपाय बताए गए हैं

जहां पर ग्रहों की शांति के लिए उनकी संख्या मैं मंत्र जाप के बारे में बताया गया है

मंत्र जाप के बाद उन ग्रहों के दान मतलब जितना आप का सामर्थ्य है

उतना आप दान करें हवन करें जड़ी बूटियां धारण करें

उस ग्रह के औषधियों का स्नान करें व्रत करें

जप करें तपस्या करें और उस ग्रह के निमित्त कोई रतन या नग विधिपूर्वक धारण करें

जो उस वक्त के लिए जहां उस ग्रह के लिए कोई जंतर धारण करें, इस तरह के शास्त्र के विधि के साथ उपाय करके मनुष्य को ग्रह के द्वारा अगर कोई कष्ट हो रहा है

तो वह अपने को उनके अनुकूल बना कर उनका उपाय कर सकते हैं

सबसे पहले सूर्य का ग्रह का वर्णन आता है

सूर्य ग्रह का जो स्वभाव होता है वह क्रूर होता है किसी कुंडली में अगर सूर्य नीच पड़ जाए

,नीच राशि में चला जाए तो उसके लिए अशुभ कार्य हो जाता है

सूर्य का जाप शुक्ल पक्ष के रविवार को या रवि योग को जहां सूर्य षष्टि को जा रवि पुष्य योग को शुरू करना चाहिए पाठ के आरंभ करने से पहले लाल फूलों से चावल से मिठाई से गंगाजल लेकर पाठ का संकल्प ध्यान आवाहन करें

और जप और पाठ के लिए रुद्राक्ष की माला लेना सबसे अच्छा होता है

अगर रुद्राक्ष की माला नहीं मिलती तो चंदन या तुलसी की माला का प्रयोग भी कर सकते हैं

विधि पूर्वक सूर्य की उपासना करने से पद की उन्नति होती है

आतम शक्ति का संचार होता है तेजबल राज प्रतिष्ठा एवं आरोग्य की प्राप्ति होती है

प्रतिदिन पाठ के उपरांत सूर्य देव को तांबे के बर्तन में शुद्ध जल और जब लाल फूल लाल चंदन डालकर अर्घ्य देना चाहिए

उसके बाद गायत्री मंत्र का पाठ करना चाहिए यथा संख्या में पाठ की पूर्ति हो जाने पर दसवें हिस्से में हवन करना चाहिए

उसके बाद सूर्य मंत्रों का पाठ करके उसके लघु मंत्र जाप मंत्र वेद के मंत्रों से करने के बाद रविवार का व्रत भी कर सकते हैं

और सूर्य का नग मानिक भी धारण कर सकते हैं और लाल पुष्प गंगाजल विधिवत सूर्य यंत्र भी धारण कर सकते है

सूरज के संबंधित वस्तुओं का दान

और सूरज के संबंधित वस्तुओं का दान भी कर सकते हैं सूर्य के दानों के जो वस्तुएं हैं

उसमें कनक, गोल्ड, लाल वस्त्र, देसी घी, लाल रंग की गाये,सोना मानिक, तांबे का बर्तन मिठाई,

 

नारियल, लाल फल, ब्राह्मण भोजन करवाना